फ़रेबी, शीरीं, ज़ियादा ज़हीन लोगों से – Varun Anand

फ़रेबी, शीरीं, ज़ियादा ज़हीन लोगों से
गुरेज़ करता हूँ मै ऐसे तीन लोगों से

फ़क़ीर, औलिया, शाइर,मतीन लोगो से
मिला-जुला करो इन बेहतरीन लोगों से

ये कितनी लाशें सहेजे कहाँ कहाँ रक्खे
कि तंग आ गई है अब ज़मीन लोगों से

यक़ीन कर वो तिरे पास लौट आएगा
जब उसका उठने लगेगा यक़ीन लोगों से

तुम उसके हुस्न पे जब-जब भी तब्सिरा करना
तो पहले मशवरा लेना हसीन लोगों से

ये माँगने पे कहाँ कुछ किसी को देते हैं
जो तेरा हक़ है उसे लड़ के छीन लोगों से

वरुण आनन्द


शीरीं (over soft)

ज़ियादा ज़हीन (extra smart)


गुरेज़ करता हूँ (I stay away)

तब्सिरा (comment)


Thanks to Shobhit Desai for sharing this.

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