मुद्दत के बा’द ख़्वाब में आया था मेरा बाप
और उस ने मुझ से इतना कहा ख़ुश रहा करो
अब्बास ताबीश
On Daddu’s 8th death anniversary,
‘मेरा बाप मेरी जिंदगी का हीरो है!’
Love u Daddu..!
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Full nazm by Ashima Tahir :
मेरा बाप मेरी ज़िंदगी का हीरो है
मायूसियों से भरे दिनों में
उस का एक इक लफ़्ज़ मेरे साथ साथ चलता है
याद है मुझे
कितनी उदास शामों में सुनाई गई
उस बूढ़े माही-गीर की
समुंदर में जारी जंग की दास्ताँ
बूढ़ा और समुंदर
और फिर हार जाने पर
कई बार ये अल्फ़ाज़
मेरी रूह में उतरते रहे
तबाही तो मुक़द्दर है मगर हारता है कौन यहाँ
शिकस्त तो आती रहेगी
दस्तकें देती रहेगी
जैसे मौत आती थी अमली के दर पे और
कह दिया जाता था उस को
जाओ वक़्त नहीं है मेरे पास जो तुम्हारे साथ हो लूँ
शिकस्त को भी कह दो बस
रुकता है अब कौन यहाँ तुम्हारे वास्ते
मेरा बाप मेरी ज़िंदगी का हीरो है
और हीरो बनने के लिए
ज़रूरी है कि गुज़रा जाए
अलमिया (तकलीफों) से बार बार
मेरा बाप मेरी ज़िंदगी का हीरो है
-आशीमा ताहिर